Monday, April 25, 2011

तुम भी अजीब हो




 तुम भी अजीब हो .....


अंधेरी रात में 

शमा जलाना भूल जाते हो 

हमारी याद आती है 

बताना भूल जाते हो.....!!! 


तुम्हारी एक ये आदत 

परेशान हमको करती है

नजर में आ जाते हो,

शमा जलाना भूल जाते हो...!!!


तुम्हारे हाथ में अक्सर 

गुलाबी  फूल देखा है   

हमारी राह में अक्सर 

बिछाना भूल जाते हो.....!!!


तुम्हें  तो लौट जाने की 

अक्सर फ़िक्र रहती है 

मगर जब लौट जाते हो 

 तो आना भूल जाते हो......!!! 

सुना है तुम हथेली पर 


हमारा नाम लिखती हो 


मगर जब हम से मिलते

हो 


दिखाना भूल जाते  

हो.....!!!



" तुम भी अजीब

हो......!!!"

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