Monday, August 1, 2011

एक वचन ये भी था...!!


एक पुराना दोस्त 
अक्सर
मझे  टोकता  है ....!!!

आज पूछ बैठा..
शादी किस से  करेगा...??

मैंने कहा 
मै शादी शुदा हूँ...!!!
फिर बोला 
अरे पगले ... कौन है
तेरा जीवन-साथी...??
  नजर उठा के कह दिया 
''यादे है किसी की"
 
कहने लगा ,
शादी किसने करवाई....??
पंडित कौन था...
बाराती कौन थे...?

मैंने कहा 
जिंदगी के खयालो ने...
उसके  सवालो ने....!!!
चाँद सितारों की अगुआई थी..!!

वो फिर पूछता गया....

कैसी गुजर रही है जिंदगी...?
मै....
बोलने वाला ही था...
की अचानक 
आँखों से आंसू छलक  पड़े.....!!

उसका झुंझला के 
आखिरी सवाल था.......
अबे......
उसे छोड़ क्यूँ नहीं देता.....???

मै भी इतना ही कह सका..

....सात फेरो के 
सात  वचनों में..
वादों की  पवित्र वेदी  पर 

एक वचन ये भी  था...

"सारी जिन्दगी  अब साथ रहना है"
 

7 comments:

  1. वचन से बंधे हुए ... खूबसूरत अभिव्यक्ति

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  2. बहुत सुंदर भावमयी रचना

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  3. tujh ko pane ki chahat main itna kho gaya hoon main,
    k ab tou mil bhi jaye to mujhe ghum hoga……..

    awesome poetry, i like it tooooooooooooooo.........much

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  4. नमस्कार....
    संगीता जी....बहुत धन्यवाद्....!!!
    कौशिक साहब...आभार है आपका.....!!!
    ....अर्चना..जी....बहुत शुक्रिया...आपके लफ्ज भी ...मन मोह लेते है ....बहुत शुक्रिया....!!!

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  5. वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
    आप बहुत अच्छा लिखतें हैं और गहरा भी.
    बधाई.

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  6. soo romantic and touching..:*

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  7. bahut hi gambhi roop se socha hua hai ..... umdaa rachna

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