Thursday, September 22, 2011

रिश्ता .....!!!


जो मुझ से 
पूछती  हो तुम...
कि 
"मै तुम्हारी हूँ क्या....???
बताओ.... 
तो ..
जाना ....!!!
खुद ही सोचो ...
तुम एक पल को ....!!!
भला मै कैसे 
तुम्हे बताऊँ...
"कि  मेरा तुम से 
रिश्ता है ....

..जो अपने साये से है 
शजर का ...!!!
वो ही 
जो गुलों से है  महक का ....
किसी की आँखों के 
मस्त डोरों से 
उसके महबूब की 
झलक का ......!!!

मै हूँ बदन...
तुम उसकी जान हो...
लहू कि सूरत में 
मेरी रगों में ..
हर वक्त रवां दवां  हो....!!!

मकीन हूँ मै 
मकान तुम हो....
जमीन हूँ मै ..
तो आसमान तुम हो.....!!

वो ही 
ताल्लुक है तुमसे मेरा....
जो दिल से है 
धडकनों का .....
जो खुमार से है...
मयकशों का .....!!!
शायर से है 
शायरी का......!!!

वो ही रिश्ता ...
खुश किस्मती से..
अपने दरम्यान भी है......

बताओ जाना....???
इतना काफी है...?

कि  
"और कुछ भी तुम्हे बताऊँ...??

9 comments:

  1. कोमल भावों से सजी ..
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती

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  2. इस कविता का तो जवाब नहीं !

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  3. अब इसके बाद कोई और क्या चाहेगा…………सुन्दर भावाव्यक्ति।

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  4. बहुत सुन्दर ... अब कुछ बचा ही नहीं होगा कहने को ..

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  5. प्रेम से सराबोर खूबसूरत जज्बात , बधाई

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  6. वाह वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति. खूबसूरत जज़्बात.

    बधाई.

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  7. -- खुबसुरत जजबात , सुंदर भाव बेहतरीन प्रस्तुती..
    mauryareena.blogspot.com

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