Tuesday, November 22, 2011

सुनो नाराज मत होना,...!!!



सुनो.....!!!
सुनो  नाराज मत होना,
गिले चाहे बहुत करना
रुलाना और ..बहुत लड़ना 
मगर नाराज मत होना....!!!
 
कभी ऐसा जो हो जाये
कि..तुम्हारी 
याद में खोकर 
किसी लम्हे में ..मै... जाना ...
जो पागल जैसे 
मै .होकर ....
बिना सूरत तेरी देखे ...
कभी 
शब् में जो .... सो... जाऊं....

तो 
सपनो  में चले आना ......
मुझे अहसास 
दिला देना ......
मगर नाराज मत होना....!!!
कभी ,
ऐसा भी जो हो जाये....
जिन्हें  कहना जरूरी हो 
वो  मुझसे
लफ्ज़ खो  जाएँ...
गुरुर को 
बीच में मत लाना....
मेरी आवाज बन जाना .....!!!

मगर  ..सुनो...!!!

" कभी नाराज मत होना....!!!"

10 comments:

  1. बहुत प्यार से भरा इसरार ..अच्छी प्रस्तुति

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  2. बहुत ही प्यारी रचना।

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  3. आहा!! बहुत निश्छल, शबनम सी सुन्दर रचना....
    वाह!!
    सादर बधाई...

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  4. वाह ...अति सुंदर !!! मन को छु गई कहीं ...नाराज मत होना ..बहुत खूब आनंद जी ...

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  5. बहुत ही बढ़िया।

    सादर

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  6. बहुत ही प्यारी रचना....

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  7. wahh.
    bahut hi pyari or bahut hi sundar bhavpurn rachana hai...
    ati uttam...

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  8. बहुत ही सुंदर पंक्तियाँ हैं.....

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  9. मन के गहरे भाव समेटे हुये पंक्तियाँ।

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