बीते मौसम को याद करती है....
पुराने कार्ड पढ़ती है
पुराने कार्ड पढ़ती है
कि जिसमे
उसने लिखा था
मै लौटूंगा दिसम्बर में....!!!
नए कपडे बनाती है...
वो सारा घर
मै लौटूंगा दिसम्बर में....!!!
नए कपडे बनाती है...
वो सारा घर
सजाती है ...
दिसम्बर के
हर एक दिन को
वो गिन गिन के
बिताती है
वो गिन गिन के
बिताती है
जूं ही १५
गुजरती है
गुजरती है
वो कुछ कुछ टूट जाती है
मगर फिर भी
पुरानी एल्बम खोल के
माझी को बुलाती है
नहीं मालूम ये उस को
मगर फिर भी
पुरानी एल्बम खोल के
माझी को बुलाती है
नहीं मालूम ये उस को
कि बीते वक्त की
ख्वाहिशें ...
ख्वाहिशें ...
बहुत तकलीफ देती है ...
मगर वो नादान
महज दिल को जलाती है ....!!!
मगर वो नादान
महज दिल को जलाती है ....!!!
यूँ ही
दिन बीत जाते है....
दिसम्बर लौट जाता है...!!!
दिसम्बर लौट जाता है...!!!
दुबारा से कलेंडर में
दिसम्बर के पन्ने को
नाजुक ऊँगली से मोड़कर
फिर से दिसम्बर के
फिर से दिसम्बर के
ख्याल में डूब जाती है
कि आखिर उसने लिखा था ...
"मै लौटूंगा दिसम्बर में....!!!"
अजब पागल सी लड़की है...!!!
कि आखिर उसने लिखा था ...
"मै लौटूंगा दिसम्बर में....!!!"
अजब पागल सी लड़की है...!!!
उफ़ मोहब्बत की इंतेहा…………।
ReplyDeleteबहुत संवेदनशील रचना ... हर लफ्ज़ मन से उकेरा है .
ReplyDeletebahut hi sunder aas ke komal ehsaas ukere hain ...
ReplyDeletebahut sunder rachna ...badhai..
इस प्यार, इस इंतज़ार को समझना आसान ही नहीं ... जब कुछ न समझ आए तो 'पागल ' कह देना आसान लगता है ...
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeleteख़ूबसूरत एहसास ......
ReplyDeleteप्यार, प्रतीक्षा और उम्मीद की अद्भुत बानगी है ! बहुत ही सुन्दर रचना ! बहुत बहुत बधाई !
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ReplyDeleteकहते हैं इंतजार खूबसूरत होता है... किन्तु आपने उसी इंतजार के उस पहलू को दिखाया है जो बेहद बदसूरत है... कभी खत्म ना होने वाला ऐसा इंतजार खुदा किसी को ना दे...
ReplyDeleteintajar ki dardbhari tasvir.. ko bahut hi acchi tarah se vyakt kiya hai
ReplyDeletegahare bhavo ki sundar abhivyakti..
खूबसूरत इंतजार दिसंम्बर का मै फिर लौट आउगी..उम्दा पोस्ट
ReplyDeleteमेरे पोस्ट पर आइये इंतजार है,...
अहसासों की कहानी हैं.... भावमय करते शब्दों का संगम....
ReplyDeleteवो अजब पागल से लड़का..
ReplyDeleteजो चला जाता है है वादा करके.
की "मैं लौटुगा दिसम्बर में "...
वो क्या जाने कैसे लगता है...
इंतज़ार में घडी की टिक टिक को गिनना..
वो क्या जाने कैसा लगता है..
इन्तजार में अपने ही दिल को समझाना..
की वो आएगा.. वो जरुर आएगा..
वो अजब पागल सा लड़का...
जो वादा तो कर गया..
पर निभा नहीं पाया..
........................
Jai Mata Ki
bahot bhawuk karti hui.......sunder rachna.
ReplyDeletetune dil mere toda...kahin ka na choda...sanam..bebafa....o sanam bebafa....
ReplyDeletebahut khoobsurat sabdon ki rachna....!!!