Wednesday, January 23, 2013

अजब पागल सी लड़की है :पांचवीं क़िस्त ...!!!



अजब पागल सी लड़की है .....!!!

वो जब भी मुझसे मिलती है
मुझे हर बार कहती है .....
तेरे होने से
मेरी जात की तकमील होती है .....!!!
उसे क्या मालूम ....
मैं खिजाओं में घिरा आदम ....
मगर वो मुझसे कहती है ....
"नहीं तुम सा कोई दूजा "

अजब पागल सी लड़की है .....!!!

वो जब भी मुझसे मिलती है
नया एक नाम देती है ...
नई पहचान देती है ...
मेरे अन्दर के सब मौसम
बिना मेरे कहे ही
वो हमेशा जान जाती है ...!!!

मेरी पुरानी बात भी
वो हमेशा याद रखती है ....
मुझसे हर बार कहती है
तेरी कलम का लिखा हर सफा
मुझे सोने नहीं देता ...
मुझे शिकायतें है बचपन से
मगर ...
वो मुझको रोने नहीं देता ....!!!

अजब पागल सी लड़की है .....!!!

वो जब भी मुझसे मिलती है
तो फेरों मुझ को तकती है .....!!!
उसे हर रंग ,
जो मैंने हो पहना .....
अच्छा लगता है .....!!!
उसे हर ख्वाब जो
मैंने है देखा
सच्चा लगता है ...!!!

अजब पागल सी लड़की है .....!!!
वो जब भी मुझसे मिलती है
मुझे हर बार कहती है ....

तेरी मुस्कान
जनम-जिंदगी में
रंग भरती है ....
मुझे दुःख के अँधेरों में
कभी खोने नहीं देती
उसे मुझ को
मुझी को सोचने की
जाने क्या जिद है ....

हो दिन का कोई लम्हा
या रात का कोई पल हो ..
वो मुझ को सोचा करती है
मुझको ही याद रखती है ....!!!

अजब पागल सी लड़की है .....!!!
वो जब भी मुझसे मिलती है

अजब पागल सी लड़की है .....!!!
वो जब भी मुझसे मिलती है
हजार बार कहती है .....
मुझे तुमसे मोहब्बत ही नहीं ....
इश्क़ भी है जानम ....!!!
बस एक पल में वो
अपने आप को
मुझमे सौंप देती है ......
मैं उस पागल लड़की के लिए
अब और क्या लिखूं ...?

मुझे उसको बताना है
कि उस की मुस्कराहट पे
मैं दुनिया वार सकता हूँ ...
बस उसकी एक आहट पर
मैं जिंदगी हार सकता हूँ ..

मुझे उस से मोहब्बत है
मुझे भी इश्क है उस से .....!!!

अजब पागल सी लड़की है ..

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