भीगी रातों में अक्सर...
पलकों पे अश्को के
चिराग सजा कर.....
आज भी
न जाने क्यूँ....
तुझे,
आखें तलाश करती हैं..
तेरी आँखे
उदास करती है....!!!
तन्हाइयों के
दस्त -ए- वीरान में
चाहतें,
दामन में समेटे
वस्ल के
पुर नूर लम्हों में
किसी
मिलन की आस लेकर
तुझे
हसरतें तलाश करती हैं ......!!!
...तेरी आँखे
उदास करती है.....!!!!