जरा ठहरो
चले जाना ...!!!
मुझे
कुछ तुम से कहना है ...!!
जादा वक्त नहीं लूँगा ...
जरा सी बात करनी है ..!
न दुःख अपने सुनाने हैं ...
न कोई फ़रियाद करनी है .....!!!
न ये मालूम करना है ..
कि
..अब हालात कैसे हैं ....?
तुम्हारे
हमसफ़र थे जो
तुम्हारे साथ कैसे हैं ..?
न ये मालूम करना है
कि ..तुम्हारे .
दिन और रात कैसे हैं ...???
मुझे
बस इतना कहना है ...
मुझे तुम याद आते हो ...
बहुत ही याद आते हो .....!!!
मोहब्बत की
हसीन राहों में ...
अक्सर
मैंने देखा है ...!!!
जो साथी
साथ चलते थे ..
बिछड़ते
मैंने देखा है ...!!!
सजाते थे
बड़े शौक से ..
खयालों की
हसीन दुनिया ..
बहुत छोटी सी
बातों पे उजड़ते
मैंने देखा है ...!!!
जो कहते थे
की एक पल ..
बिन तेरे
हम न रह पाएंगे ..
सामना अब हो
तो चुपचाप ..
गुजरते
मैंने देखा है ....!!
जो कहते थे ..
तेरा रिश्ता ..
ज़माने भर से
अफजल है ...
उन्ही रिश्तों को
पल भर में
बिखरते
मैंने देखा है ....!!!
किसी की खातिर
करार खोना ...?
कोई सुनेगा ..
तो क्या कहेगा ....???
ये रातों को अक्सर
उठ उठ के रोना ..
कोई सुनेगा
तो क्या कहेगा ...???
भंवर में मुझको
छोड़ आते
तो अपनी
उल्फत का राज़ रहता ..
साहिल पे आके
यूँ डुबोना ....?
कोई सुनेगा
तो क्या कहेगा ...???
जमाना
हुश्न ओ शबाब का है ...
हसीन ओ ख्वाबों
खयाल का है ...
ये शब् ए बरबादी
ये दिन का सोना ...?
कोई सुनेगा
तो क्या कहेगा ....???..
कहा जो मैंने
दर ओ खुदा से .
दिल मेरा तुम दुखा रहे हो ..
वो बोले हंस के
चुप रहो न ...
कोई सुनेगा
तो क्या कहेगा ....???
कहा था ना ..?
मुझे एक ख्वाब रहने दो
...कहा था ना ..?
कहा
था ना ..?
मुझे एक ख्वाब रहने दो ...
कहा था ना ..?
बहुत ही शौक था तुमको
..
हमारा दिल दुखने का ...
मुसलसल चोट की ज़द पर ,
हमें तकसीम करने का ...??
हमें मिटटी बना के
रेत में तज्सीम करने का ..?
चलो खुश हो गए न अब ?
तुम्हे अपना समझने की ...
जो गलती हम ने की थी न ..
बहुत है अब ...!!!
बहुत तकलीफ़
दी है
दुनिया वालों ने ..
बहुत ही चोट खाई है
ज़माने से ..
मगर हम भी अजब थे
ना ..?
किसी के चैन की खातिर ...
सुकून अपना लुटा बैठे ...
किसी की ख्वाहिशों
को
हमने ..इतना जाना कि ..
गुरूर अपना मिटा बैठे ....!!!
चलो अच्छा हुआ
..
खुशफहमियों का
सिलसिला टूटा ...!!!
थकान जो है
गुजरते वक्त के संग ...
ख़तम हो
जाएगी ..
हाँ हम वक्त के साथ टूट जाते हैं
मगर तोडा नहीं करते ...
कि हमने बद
-दुआ देना नहीं सीखा ...!!!
बस दुआ ये है कि
तेरा सामना न हो ...
किसी के साथ
मुझ सा बुरा न हो ...!!!
बहुत मासूम थे न हम ...?
कहा था ना ...?
मुझे एक ख्वाब रहने दो ...???
ढल ही जाएगी
मगर हम भी अजब थे न ...???