कुछ पंछी
झुण्ड में उड़ते हों...
और रास्ता भी
कुछ मुश्किल हो...
कुछ दूर उफ़ाक
पे मंजिल हो ........
एक पंछी
घायल हो जाए....
और बेदम
हो के गिर जाये....!!!
तो ,
रिश्ते- नाते
प्यारे सब...
कब किसकी खातिर
रुकते हैं....???
इस दुनिया
की है
रीत यही .......
जो साथ चलो
तो साथ बहुत ....
जो रुक जाओ
तो तुम तन्हा हो....!!!
झुण्ड में उड़ते हों...
और रास्ता भी
कुछ मुश्किल हो...
कुछ दूर उफ़ाक
पे मंजिल हो ........
एक पंछी
घायल हो जाए....
और बेदम
हो के गिर जाये....!!!
तो ,
रिश्ते- नाते
प्यारे सब...
कब किसकी खातिर
रुकते हैं....???
इस दुनिया
की है
रीत यही .......
जो साथ चलो
तो साथ बहुत ....
जो रुक जाओ
तो तुम तन्हा हो....!!!