अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
मोहब्बत मोम का
घर है
तपिश -ऐ -बदगुमानी
की
कहीं पिघला न दे
इसको …?
मैं कहता हूँ
जिस दिल में
जरा भी बदगुमानी
हो
वहाँ कुछ और
हो तो हो …
"मोहब्बत … हो नहीं सकती .... !!!
"मोहब्बत … हो नहीं सकती .... !!!
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
`सदा ऐसे ही
क्या तुम मुझको
चाहोगे …?
गवारा कर नहीं
सकती
मै कहता हूँ
मोहब्बत क्या है … तुमने सिखाया है
मुझे तुमसे मोहब्बत के
सिवा
कुछ भी नहीं
आता
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
जुदाई से
बहुत डरता है
मेरा दिल
कि खुद को
तुमसे
हटकर देखना
मुमकिन नहीं है
अब … !!!
ये हादसे बहुत मुझको
सताते हैं
मगर सच है
मोहब्बत में
जुदाई साथ चलती
है
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
बताओ क्या मेरे
बिन
जी सकोगे तुम …?
मेरी बातें ,मेरी यादें
,मेरी आँखे
भुला दोगे ?
मै कहता हूँ
कभी ऐसी बात पे सोचा नहीं मैंने
कभी ऐसी बात पे सोचा नहीं मैंने
अगर एक पल
को भी सोचूं
तो
सांसे रुकने लगती हैं
कहती है
तुम्हे मुझसे
इस कदर मोहब्बत
क्यों है
कि मै एक
आम सी लड़की
तुम्हे क्यों खास लगती
हूँ ??
मै कहता हूँ
कभी खुद
को मेरी आँखों
से तुम देखो
,
मेरी दीवानगी क्यों है
ये खुद ही
जान जाओगी …
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
मुझे वराफ्तगी से
देखते ही क्यों
हो ?
कीमती महसूस करती हूँ ,
मता ऐ -जान
बहुत अनमोल होती
है ,
तुम्हे जब भी
देखता हूँ ,
जिंदगी महसूस
करता हूँ ,
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
मुझे अल्फाज़ के
जुगनू नहीं मिलते
कि तुम्हे बता सकूँ
कि
दिल में मेरे
कितनी मोहब्बत है
,
मै कहता हूँ
मोहब्बत तो
निगाहों से झलकती
है ,
तुम्हारी ख़ामोशी मुझ से …
तुम्हारी बात
करती है
कहती है
बताओ न
किसको खोने से
डरते हो ?
बताओ कौन है
वो जिसे
ये मौसम बुलाते
हैं
मै कहता हूँ
ये मेरी शायरी
है आइना दिल
का
जरा देखो बताओ
फिर
तुम्हे इस में
नजर आया क्या ??
अजब पागल सी
लड़की है
कहती है
सुनो आनन्द
बहुत बातें बनाते हो
,
मगर सच है
यही बातें
बहुत ही शाद
रखती हैं
ये सब बातें
,ये फ़साने ,
एक बहाना है …
कि कुछ पल
जिंदगानी के
तुम्हारे साथ कट
जाएँ ,
फिर उसके बाद
ख़ामोशी का
दिलकश रक्श
होता है
निगाहें बोलती हैं और
,लब खामोश रहते
हैं ....!!!