कभी "टूटा" नहीं करते....!!!!
..........जरा सी बात पे अक्सर.....
ये कह जाना
खफा...होकर......
जियेंगे अब ..
जुदा हो कर
न को रब्ता होगा...
न कोई वास्ता होगा....!!!
मेरी आवाज भी तुमको
कभी
शायद न पहुंचेगी....
नजर भी मै न आउंगी ....
ताल्लुक जो रहा तुमसे...
उसे
मै तोड़ जाउंगी....
कभी ये सोचना भी मत
कि तुम बिन जी न पाऊँगी
मै अपनी जिंदगी को फिर
तुम्हारे बिन
बिताउंगी .....!!!
.....मै सुन कर उसकी सब बाते
फकत इतना ही
कहता हूँ....
कि ...
खफा होना
मना लेना ....ये सदियों से..
रवायत है.....
मोहब्बत की अलामत है ....
गिले शिकवे करो मुझसे....
...तम्हे मेरी जाना ...इज़ाज़त है....!!!
मगर एक बात याद रखना तुम...
कभी ऐसा भी होता है...
हवाएं
रुख बदलती है....
खिजाएँ...लौट जाती है....
खताए हो भी जाती हैं....
खता होना भी मुमकिन है ....
खफा होना भी मुमकिन है .....!!!
मगर यूँ हाथ से दामन ...
कभी छूटा नहीं करते ...
हमेशा याद रखना तुम....
ताल्लुक टूट जाने से .,..
कभी
"टूटा" नहीं करते....!!!!
बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
ReplyDelete:-)
न तो रिश्ते कभी ख़तम होते हैं न ही नाते ,और फिर जहाँ शिकायत हो वहन प्यार नहीं हो सकता |
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