एक रोज तुमने
थामा था हाथ मेरा
मेरे हाथ से तुम्हारे
हाथ की
खुशबू नहीं जाती,,,,!!!
तुम बहुत प्यार से
पुकारते थे नाम मेरा,,,,
मेरे कानों से
तुम्हारी वो
आवाज़ नहीं जाती,,,,!!!
मै बुलाता भी
नहीं था
और तुम आ जाती थी
अब बुलाने पर भी
मेरी आवाज़
तुम तक नहीं जाती,,,,,!!!
मै जानता हूँ
ये शहर
ये रास्ते
तुम्हारे नहीं
फिर भी मेरी आँखों से
इन्तेजार की
आदत नहीं जाती ,,,,,!!!
लड़कियां,,,,,
बेवफा नहीं होती,
वो तो मजबूरियों में लिपटी हैं,......!!!
अपने शिद्धत भरे खयालो में,
अपने अन्दर छुपी हुई एक औरत में ,
वो हमेशा ही डरती है,
न तो जीती हैं,,,नाही मरती हैं ,....
लड़कियां,,,,,बेवफा नहीं होती,......!!!
पर ,
हमेशा ही डरती हैं
अपने रीति रिवाजों से
आने वाले नए ,...अज़ाबों से,,,,
ज़र्दुरत में खिले गुलाबों से,,,
प्यार करती है और छुपाती है,,,,,,!!!
लड़कियां,,,,,बेवफा नहीं होती,......!!!
क्यूंकि ,
मजबूरियों में लिपटी हैं,,,,,,,
और हर लम्हा डरती रहती हैं
अपने प्यार से
अपने साए से,,,,,
अपने रिश्तों से,,,दिल दुखाने से,,,,,
अपनी ख्वाहिश से,,, अपनी खुशियों से
मसला सिर्फ इतना है
लड़कियां,,,,,बेवफा नहीं होती,......!!!