एक रोज तुमने
थामा था हाथ मेरा
मेरे हाथ से तुम्हारे
हाथ की
खुशबू नहीं जाती,,,,!!!
तुम बहुत प्यार से
पुकारते थे नाम मेरा,,,,
मेरे कानों से
तुम्हारी वो
थामा था हाथ मेरा
मेरे हाथ से तुम्हारे
हाथ की
खुशबू नहीं जाती,,,,!!!
तुम बहुत प्यार से
पुकारते थे नाम मेरा,,,,
मेरे कानों से
तुम्हारी वो
आवाज़ नहीं जाती,,,,!!!
मै बुलाता भी
नहीं था
और तुम आ जाती थी
अब बुलाने पर भी
मेरी आवाज़
तुम तक नहीं जाती,,,,,!!!
मै जानता हूँ
ये शहर
ये रास्ते
तुम्हारे नहीं
फिर भी मेरी आँखों से
मै बुलाता भी
नहीं था
और तुम आ जाती थी
अब बुलाने पर भी
मेरी आवाज़
तुम तक नहीं जाती,,,,,!!!
मै जानता हूँ
ये शहर
ये रास्ते
तुम्हारे नहीं
फिर भी मेरी आँखों से
कोमल सी भावनाओं से पगी प्यारी रचना
ReplyDeleteगुलाबी मनोभावों का सुंदर चित्रण
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