Saturday, March 26, 2011
Tuesday, March 15, 2011
मैं ..........!!!!!!!!!!!!
मैं तेरे वर्को में बिखरा हूँ
कभी वो पुरानी किताब खोलना तो
याद करना .....!!!
मैं कतरा कतरा
बरसात में बरसूँगा
जो कभी बारिशों में भीगो तो
याद करना ......!!!
कभी वो पुरानी किताब खोलना तो
याद करना .....!!!
मैं कतरा कतरा
बरसात में बरसूँगा
जो कभी बारिशों में भीगो तो
याद करना ......!!!
मैं साँस साँस
तेरी यादो में बसा हूँ
जब सांस को उखाड़ता पाओ तो
याद करना .....!!!!
मैं लम्हा लम्हा
तेरी याद में जलता हूँ
कभी खुद को को खुद से खफा पाओ तो
याद करना ......!!!
मैं रात रात
तुझे रब से मांगता हूँ
कभी तुम भी हाथ उठाओ तो
याद करना........!!!
तेरी यादो में बसा हूँ
जब सांस को उखाड़ता पाओ तो
याद करना .....!!!!
मैं लम्हा लम्हा
तेरी याद में जलता हूँ
कभी खुद को को खुद से खफा पाओ तो
याद करना ......!!!
मैं रात रात
तुझे रब से मांगता हूँ
कभी तुम भी हाथ उठाओ तो
याद करना........!!!
Sunday, March 13, 2011
मैंने सोचा था ...!!

आज आप आयेंगे...
तो रो दूंगी .....!!!
आप पूछेंगे
तो सब हाल कह दूंगी
कह दूंगी कि
कितने दिन हुए
सोयी नहीं......!!
वो कौन सी
भूल है जो हुई नहीं...
किताब फ्रिज में
सेल्फ में गिलास रखा
मंगलवार था...
चिट्ठी में
रविवार लिखा......!!
सहेली से
शिकवा करना था...
उसे धन्यवाद कहा.....!!!
टीo वी0 पे गीत थे
भजन नहीं...
मैंने चौंक के
सर पर पल्लू रखा....!!
क्या हाल कर दिया है मेरा
मुझे किसी काम का ना रखा
और
जब आप ने पूछा
तो मैं इतना ही कह सकी
"मैं ठीक हूँ".....!!!!
Thursday, March 10, 2011
तुम ने कहा था ....!!!
तुम ने कहा था
ये जिंदगी हुई तेरे नाम
तुम ने कहा था
इस आस पे गिर जाता हूँ मैं अक्सर
इस आस पे गिर जाता हूँ मैं अक्सर
"मैं लुंगी तुम्हे थाम "
तुम ने कहा था .....!!!
तेरी जुदाई
तेरी यादों ने मार डाला है
मेरी मोहब्बत लेगी इंतकाम
तुम ने कहा था .....!!!
सोचा न था कभी
सोचा न था कभी
सोचा न था कभी ऐसा होगा
इतना प्यार किया तुम्हे
इतना प्यार किया तुम्हे
जान से जादा चाहा तुम्हे
अपनी जिंदगी बनाया तुम्हे
पर आज क्यूँ ऐसा हुआ?
हम तुम जुदा जुदा हैं...
अपनी रहे अपनी मंजिलें...
जुदा जुदा हैं
हमारी जिंदगी में
ये कैसा मोड़ आ गया है
क्यों हमारे दरमियान
इतने फासले आ गए हैं ...?
ये सब वक्त का ...किया कराया है
वक्त ने तुम्हे बदल डाला है
सब वफाओं का तमने ये सिला दिया
कितनी आसानी से तुमने मुझे ने नाम दिया
कितनी आसानी से तुमने मुझे ने नाम दिया
ताना दिया
हां मैं वही हूँ
तुम्हारा कहा मैं
कैसे टाल सकता हूँ ..?
मेरी वफाओं का एक नया नाम
मुझे तुमने
ये कह के दिया......!!!
Sunday, March 6, 2011
मोहब्बत और कहानी
तुम्हे कैसे बताये हम...?
मोहब्बत और कहानी में
कोई रिश्ता नहीं होता...!!!
कहानी में,
तो हम वापिस भी आते हैं
जरा सोचो
कभी दिल में खराशें डालती यादो की सफ्फक्की
कभी दामन से लिपटी है
किसी भूल हुई सौगात की नम नाकी
मुझे देखो
मेरे चेहरे पे कितने मौसम की गर्द है
और इस गर्द की तह में
समय की धूप में समय की में रखा हुआ एक आइना
और आईने में ता हद इ नजर तक फ़ैली
मोहब्बत के सितारे अक्स बन के झिलमिलाते है
नई दुनियाओं का रास्ता बताते हैं
लकीरों में कहानी है
कहानी और मोहब्बत में अजब सी जंग जारी है
मोहब्बत में एक ऐसा मोड़ आता है
जहाँ आकर कहानी हार जाती है
कहानी में तो कुछ किरदार हम खुद फर्ज़ करते हैं
मोहब्बत में कोई किरदार भी फर्जी नहीं होता
कहानी को कई किरदार
मिल जुल के आगे चलाते हैं
मोहब्बत अपने किरदारों को खुद आगे बढाती है
कहानी में कई किरदार जिन्दा ही नहीं रहते
मोहब्बत अपने किरदारों को मरने ही नहीं देती
कहानी के सफ़र में
मंजरों की धूल उड़ती है
मोहब्बत की मुसाफत राहगीरों को बिखरने नहीं देती
मोहब्बत एक शजर है
और शजर को इससे क्या मतलब
की इसके साए में जो थका हरा मुसाफिर आके बैठा है
अब इसकी नस्ल क्या है ,,,रंग कैसा है ...?
कहा से आया है और किस सिम्त जाना है ?
धूप सहना है
इसे इस से गरज क्या है ?
पड़ाव डालने वालों में किसने
छांव की तकसीम का झगडा उठाया है ?
कहा किस अहद को तोडा ?
कहा वादा निभाया है...?
मगर हम जानते हैं
छांव जब तकसीम हो जाये
तो अक्सर धूप के नैजे
रग ओ पय में उतरते हैं
और इस के ज़ख्म खुर्दा लोग
जीते हैं ना मरते हैं......!
Saturday, March 5, 2011
तुझे काश ….!!!
मेरी आँखों में ....!!!
तुझे,,,,
पा लेने की चाहत थी...!!
चंद लफ्जो में
ये कहता हूँ
मुझे
तुमसे बहुत मोहब्बत थी
पर
तुम क्या जानो
चाहत को....?
तुम्हे
हो जाती तो
पूछता मै,,,,,
दिल
जब टूट के रोता है
कितना
दम खुश्क करने वाला
दर्द होता है ....???
ये ख्वाब
हकीकत हो जाये...
किसी
अपने जैसे संगदिल से
तुझे काश ….!!!
……..मोहब्बत हो जाये....!!
Friday, March 4, 2011
सुना होगा बहुत तुमने....
सुना होगा बहुत तुमने......
कहीं आँखों की रिमझिम का......
कहीं पलकों की शबनम का.......!!!
पढ़ा होगा बहुत तुमने..
कहीं लहजे की बारिश का....
.कहीं सागर के आंसूं का.....!!!
मगर तुमने कभी हम दम....
कहीं देखे...?
कहीं पढ़े...?
किसी तहरीर के आंसू........!!!
मुझे तेरी जुदाई ने.....
यही दौलत तो बख्शी है.....!!!
कि मैं जो लफ्ज लिखता हूँ....
वो सारे लफ्ज रोते हैं......
मैं जो सपने बुनता हूँ....
सारे बेचैन करते हैं..........!!!
मेरे संग इस जुदाई में
मेरे अल्फाज मरते हैं.....!!!
सभी तारीफ़ करतें हैं....
मेरी तहरीर की... लेकिन.....
कभी कोई ...नहीं सुनता
मेरे अल्फाज की सिसकी....!!!
फलक भी जो हिला डाले....
मेरे लफ्जों में हैं शामिल.....
उसी तहरीर के आंसू.......!!!
मेरे आने से पहले तुम..
कभी यूँ ही चले आओ....
कभी देखो मेरे हमदम.....
मेरी तहरीर के आंसू.....!!!
कहीं आँखों की रिमझिम का......
कहीं पलकों की शबनम का.......!!!
पढ़ा होगा बहुत तुमने..
कहीं लहजे की बारिश का....
.कहीं सागर के आंसूं का.....!!!
मगर तुमने कभी हम दम....
कहीं देखे...?
कहीं पढ़े...?
किसी तहरीर के आंसू........!!!
मुझे तेरी जुदाई ने.....
यही दौलत तो बख्शी है.....!!!
कि मैं जो लफ्ज लिखता हूँ....
वो सारे लफ्ज रोते हैं......
मैं जो सपने बुनता हूँ....
सारे बेचैन करते हैं..........!!!
मेरे संग इस जुदाई में
मेरे अल्फाज मरते हैं.....!!!
सभी तारीफ़ करतें हैं....
मेरी तहरीर की... लेकिन.....
कभी कोई ...नहीं सुनता
मेरे अल्फाज की सिसकी....!!!

मेरे लफ्जों में हैं शामिल.....
उसी तहरीर के आंसू.......!!!
मेरे आने से पहले तुम..
कभी यूँ ही चले आओ....
कभी देखो मेरे हमदम.....
मेरी तहरीर के आंसू.....!!!
Thursday, March 3, 2011
कभी तुम मिलने आओ
......तुम.....
कभी तुम मिलने आओ ना..
तुम्हे महसूस करना है.....!!!
तुम्हारे प्यार में खोकर
तुम्हारा हिस्सा बन जाना है.....!!!
तुम्हारी याद के साये.....
सोने नहीं देते हैं.........
ऐ बादल ,फूल और खुशबू....
बहुत बेचैन करते हैं.......!!!!
मुझे वीरान आँखों में
तुम्हारी बिखरी बातों से...
वफ़ा का रंग भरना है.....!!!
कभी तुम मिलने आओ ना
तुम्हे महसूस करना है.....!!!
हमारा बस होता तो
तुम्हे जाने नहीं देते...
नजर में दीद की हसरत लिए....
यूँ ही चुपचाप बैठे हैं......!!!
तुम्हारे मायूस चेहरे से
उदासी का मंजर हटाना है......!!!
कभी तुम मिलने आओ ना
तुम्हे महसूस करना है.....!!!
तुम्हारे प्यार में खोकर
तुम्हारा हिस्सा बन जाना है.....!!!
ये भी मत समझना
..तुम ऐ मत समझना,
कि तुम्हारे बगैर जी नहीं सकते.....
बस तुम पास न हो,
तो साँस रुक जाती है....!!!
तुम ऐ भी मत समझना ,
कि तुमसे मोहब्बत है मुझे
बस तुम साथ न हो तो,
कुछ अच्छा नहीं लगता...!!!
तुम ऐ मत समझना,
कि तुमसे कोई रिश्ता है मेरा
बस तुमको दुःख हो तो,
मेरी आँखे नम हो जाती हैं....!!!
तुम ऐ भी मत समझना ,
...कि तुम मेरी जान हो
बस तुम दिल की धड़कन हो,
......और कुछ भी नहीं.....!!!
तुम कभी ये भी मत समझना
कि कभी मै भूल गया तुम्हे,
बस सांसे रुक गई होंगी मेरी,
...........और कुछ भी नहीं...!!!
साहिबों.......!!!

ख्वाब परिंदों की तरह होते हैं
छूना चाहो तो ए उड़ जाते हैं
और फिर हाथ नहीं आतें हैं.......!!!
कभी एक ही शाख ऐ तमन्ना पर महकते हुए गाते रहना
दास्तान दूर के देशों की सुनाते रहना.....
हर नई रुत में नया गीत बना कर लाना.....
कभी हँसाना कभी देर तक रुलाते रहना.
.....उड़ती खुशबू के तरंग कैद नहीं हो सकती
किसी भी तीर से ए जैद नहीं हो सकती
कभी मंजिल कभी रास्तों की तरह होते हैं....!
साहिबों .....!!!
ख्वाब परिंदों की तरह होते हैं.........!!!!
साहिबों.....!
ख्वाब....खिलोनों की तरह होते हैं.......
पैर के छालों की तरह फूट गए......
एक जरा सी ठेस लगी और टूट गए......
ए किसी उम्र किसी वक्त के पाबंद नहीं
कभी गुडिया की तरह सोयें गले से लग कर......
कभी कोनों में पड़े रहते हैं बेगानों से....
किसी मनहूस सी आहट पे इशारा पाकर
ध्यान की ताक़ में सजते है...परी कानों से
ख्वाहिशें दिल में खिलाते हैं.....सितारे क्या क्या...
आँख में ख्वाब में का एक चाँद उतर आने से.....
कभी अपनों और कभी बेगानों की तरह होते हैं.......
साहिबों .....!!!
ख्वाब परिंदों की तरह होते हैं.........!!!!..
Wednesday, March 2, 2011
अजब दिन थे मोहब्बत के.
अजब दिन थे मोहब्बत के...
अजब रातें थी चाहत की.....
कभी गर याद आ जाएँ....
तो पलकों की हथेली पर....
सितारे झिलमिलाते हैं.... !!!.
किसी की यादो में रात भर ....
अक्सर जागना...मामूल था अपना....
कभी गर नींद आ जाती .....
तो हम ए सोच लेते थे...
अभी तो वो हमारे वास्ते...
सोया नहीं होगा...
वो अभी रोया नहीं होगा......!!!.
तो फिर हम जागते थे ...
और उसको याद करते थे.....
अकेले बैठ कर वीरान
दिल आबाद करते थे.......!!!
हमारे सामने तारों की झुरमुट में....
अकेला चाँद होता था
जो उसके हुस्न के आगे बहुत ही मंद होता था......!!!
जब अगले रोज हम मिलते तो.....
तो गुज़री रात की हर ..
बेकली का जिक्र करते थे....
हर एक किस्सा सुनाते थे.....
कंहाँ किस बात पे दिल धड़का था बताते थे.....!!!
मैं जब कहता कि जानम ..
रात को....रोशन सितारों में..
.मैंने तुम्हारा नाम देखा था......!!!
तो वो कहती ......
तुम झूठ कहते हो.....
सितारे मैंने भी देखे थे.....
और उन रोशन सितारों में ......
तुम्हारा नाम लिखा था.......!!!
अजब मासूम लड़की थी.....
मुझे कहती थी लगता है......
कि अब तो अपने सितारे ..
मिल ही जायेंगे........!!!
मगर उस को खबर क्या थी......
किनारे मिल नहीं सकते.....
.मोहब्बत कि कहानी में...
मोहब्बत करने वालों के
"सितारे" मिल नहीं सकते.........!!!
अजब रातें थी चाहत की.....
कभी गर याद आ जाएँ....
तो पलकों की हथेली पर....
सितारे झिलमिलाते हैं.... !!!.
किसी की यादो में रात भर ....
अक्सर जागना...मामूल था अपना....
कभी गर नींद आ जाती .....
तो हम ए सोच लेते थे...
अभी तो वो हमारे वास्ते...
सोया नहीं होगा...
वो अभी रोया नहीं होगा......!!!.
तो फिर हम जागते थे ...
और उसको याद करते थे.....
अकेले बैठ कर वीरान
दिल आबाद करते थे.......!!!
हमारे सामने तारों की झुरमुट में....
अकेला चाँद होता था
जो उसके हुस्न के आगे बहुत ही मंद होता था......!!!
जब अगले रोज हम मिलते तो.....
तो गुज़री रात की हर ..
बेकली का जिक्र करते थे....
हर एक किस्सा सुनाते थे.....
कंहाँ किस बात पे दिल धड़का था बताते थे.....!!!
मैं जब कहता कि जानम ..
रात को....रोशन सितारों में..
.मैंने तुम्हारा नाम देखा था......!!!

तुम झूठ कहते हो.....
सितारे मैंने भी देखे थे.....
और उन रोशन सितारों में ......
तुम्हारा नाम लिखा था.......!!!
अजब मासूम लड़की थी.....
मुझे कहती थी लगता है......
कि अब तो अपने सितारे ..
मिल ही जायेंगे........!!!
मगर उस को खबर क्या थी......
किनारे मिल नहीं सकते.....
.मोहब्बत कि कहानी में...
मोहब्बत करने वालों के
"सितारे" मिल नहीं सकते.........!!!
Tuesday, March 1, 2011
फ़र्ज़ करो तुम
छत पे बैठ के
अपने बाल सुखा रही हो....
फ़र्ज़ करो उस दिन धूप का
रंग कुछ गुलाबी हो...!!
फ़र्ज़ करो
तुम बैठी बैठी
गहरी सोच में खो जाओ....
बल सुखाना छोड़ के
सर घुटनों पे रख के सो जाओ....!!!
फ़र्ज़ करो
तुम ख़त लिखने को
कागज कलम उठाती हो
ख़त लिखने से पहले
कागज की खुसबू
खूब लगती हो ...
फ़र्ज़ करो...
आखिती लफ्जों में आकर
कलम तुम्हारा रुक जाये
नजर तुम्हारी
धक् धक् करते
दिल की जानिब झुक जाये....
बेकल हो कर मन ए चाहे..
काश ए सपना अपना हो ...!!!
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