एक पुराना दोस्त
अक्सर
मझे टोकता है ....!!!
आज पूछ बैठा..
शादी किस से करेगा...??
मैंने कहा
मैंने कहा
मै शादी शुदा हूँ...!!!
फिर बोला
अरे पगले ... कौन है
तेरा जीवन-साथी...??
नजर उठा के कह दिया
''यादे है किसी की"
कहने लगा ,
शादी किसने करवाई....??
पंडित कौन था...
बाराती कौन थे...?
मैंने कहा
जिंदगी के खयालो ने...
उसके सवालो ने....!!!
चाँद सितारों की अगुआई थी..!!
वो फिर पूछता गया....
कैसी गुजर रही है जिंदगी...?
मै....
मै....
बोलने वाला ही था...
की अचानक
आँखों से आंसू छलक पड़े.....!!
आखिरी सवाल था.......
अबे......
उसे छोड़ क्यूँ नहीं देता.....???
मै भी इतना ही कह सका..
....सात फेरो के
सात वचनों में..
वादों की पवित्र वेदी पर
एक वचन ये भी था...
"सारी जिन्दगी अब साथ रहना है"
वचन से बंधे हुए ... खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावमयी रचना
ReplyDeletetujh ko pane ki chahat main itna kho gaya hoon main,
ReplyDeletek ab tou mil bhi jaye to mujhe ghum hoga……..
awesome poetry, i like it tooooooooooooooo.........much
नमस्कार....
ReplyDeleteसंगीता जी....बहुत धन्यवाद्....!!!
कौशिक साहब...आभार है आपका.....!!!
....अर्चना..जी....बहुत शुक्रिया...आपके लफ्ज भी ...मन मोह लेते है ....बहुत शुक्रिया....!!!
वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteआप बहुत अच्छा लिखतें हैं और गहरा भी.
बधाई.
soo romantic and touching..:*
ReplyDeletebahut hi gambhi roop se socha hua hai ..... umdaa rachna
ReplyDelete