..ज़माने भर के कामों में
बहुत मशरूफ हो शायद.....!!!
हमारी याद भी
अब तो,
तुम्हे कम-कम सताती है...!!!
हमारा नाम भी
अक्सर .
तुम्हे अब भूल जाता है....!!!
तुम्हारी आँख को अब तो
कोई सपना नहीं दिखता...!!!
तुम्हारे दिल को भी अब तो
कोई चेहरा नहीं जंचता...!!
हमारा नाम लेते थे
जो हर एक सांस के हमराह
जिसे हम दिल की हर धड़कन
की तरह याद आते थे...!!!.
उसी को भूल जाने का....
यही मतलब हुआ न फिर .........???
" ..ज़माने भर के कामों में
बहुत मशरूफ हो शायद.....!!!..."
भावो को खूबसूरती से पिरोया है।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरती से लिखा है ..
ReplyDeleteaapki rachna lafz ba lafz dil ko chhoo gayi hai, aap har baar jazbe ko kareeb se mil lete ho ... aasi hi rachnayein dete rehna…
ReplyDeletelots of best wishes...
नमस्कार....
ReplyDeleteसंगीता जी....बहुत धन्यवाद्....!!!
वंदना जी .आभार है आपका.....!!!
....अर्चना..जी....बहुत शुक्रिया...आपके लफ्ज भी ...मन मोह लेते है ....बहुत शुक्रिया....!!!
hum itne bhi masroof nahi hai ki aapko bhul jaye.. bhagte hue waqt se 1 pal aapke liye chura hi lete hai...
ReplyDeletefir koi hamse khafa hi kyu na ho jaye.. aapke liye masroofiyat se bahana bana hi lete hai... :)
Really nice lines Anand ji
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
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