मोहब्बत की
हसीन राहों में ...
अक्सर
मैंने देखा है ...!!!
जो साथी
साथ चलते थे ..
बिछड़ते
मैंने देखा है ...!!!
सजाते थे
बड़े शौक से ..
खयालों की
हसीन दुनिया ..
बहुत छोटी सी
बातों पे उजड़ते
मैंने देखा है ...!!!
जो कहते थे
की एक पल ..
बिन तेरे
हम न रह पाएंगे ..
सामना अब हो
तो चुपचाप ..
गुजरते
मैंने देखा है ....!!
जो कहते थे ..
तेरा रिश्ता ..
ज़माने भर से
अफजल है ...
उन्ही रिश्तों को
पल भर में
बिखरते
मैंने देखा है ....!!!
हसीन राहों में ...
अक्सर
मैंने देखा है ...!!!
जो साथी
साथ चलते थे ..
बिछड़ते
मैंने देखा है ...!!!
सजाते थे
बड़े शौक से ..
खयालों की
हसीन दुनिया ..
बहुत छोटी सी
बातों पे उजड़ते
मैंने देखा है ...!!!
जो कहते थे
की एक पल ..
बिन तेरे
हम न रह पाएंगे ..
सामना अब हो
तो चुपचाप ..
गुजरते
मैंने देखा है ....!!
जो कहते थे ..
तेरा रिश्ता ..
ज़माने भर से
अफजल है ...
उन्ही रिश्तों को
पल भर में
बिखरते
मैंने देखा है ....!!!
हम्म , अक्सर यही होता है ...
ReplyDeleteरिश्ते अब ,
ReplyDeleteबिखरने में ..
ताश के पत्तों कों भी,
मात देते हैं,
हकीकत की जमीन ,
पत्थर की हैं ..जिनमे
फूल उगाने पड़ते हैं ,
-डॉ अजय
“जीवन हैं अनमोल रतन !"
बेहद भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteहृदयस्पर्शी...
बहुत ही सुंदर
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