कभी
जो जिंदगी की
उलझने,
तुमको ही
उलझा दें .....!!!
कभी जो
रास्तों के... फासले
काटे न काटें...!!!
कभी जो...
रात की तन्हाई में...
तुम ,
साए को ढूंढो...!!!
किसी अपने को सोचो...
किसी प्यारे को
ढूंढो....!!!
तो फिर
तुम अपनी उँगलियों के
दरमियान.....
कुछ
महसूस कर लेना.....!!!
तुम
एक हाथ पाओगे ...
मुझे तुम ....
साथ पाओगे....
हाँ....
"हमेशा साथ पाओगे......!!!!"
बहुत सुन्दर भाव ..अच्छी रचना
ReplyDeleteजज्बातों से लबरेज पंक्तिया ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
आज 10 - 11 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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sunder, nirmal abhivyakti.
ReplyDeleteइस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें .
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें , अपनी राय देकर हमारा मार्गदर्शन करें.
क्या खूब लिखते हैं आप...... अच्छी पोस्ट ...
ReplyDeletekhub! bahut khub!
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