Wednesday, November 9, 2011

."मुझे तुम साथ पाओगे."

कभी
जो जिंदगी की
उलझने,
तुमको  ही
उलझा  दें .....!!!

कभी जो
रास्तों के... फासले
काटे  न काटें...!!!
कभी जो...
रात की तन्हाई में...
तुम ,
साए को ढूंढो...!!!
किसी अपने को सोचो...
किसी प्यारे को
ढूंढो....!!!

तो फिर
तुम अपनी उँगलियों के
दरमियान.....
कुछ
महसूस कर लेना.....!!!

अपने हाथ की गिरफ्त में....
तुम
एक हाथ पाओगे ...
मुझे तुम ....
साथ पाओगे....
हाँ....
"हमेशा साथ पाओगे......!!!!"

7 comments:

  1. बहुत सुन्दर भाव ..अच्छी रचना

    ReplyDelete
  2. जज्बातों से लबरेज पंक्तिया ...
    बहुत सुन्दर रचना

    ReplyDelete
  3. आज 10 - 11 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....


    ...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
    ____________________________________

    ReplyDelete
  4. इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई स्वीकारें .

    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारें , अपनी राय देकर हमारा मार्गदर्शन करें.

    ReplyDelete
  5. क्या खूब लिखते हैं आप...... अच्छी पोस्ट ...

    ReplyDelete