सुनो जाना ...!!
मोहब्बत
रूह में
उतरा हुआ मौसम है
ताल्लुक
ख़तम करने से
मोहब्बत कम नही होती ...!!!
जो तेरे वास्ते
सजने सँवरने
में गुज़रती है.....
बहुत
मशरूफियत में भी
वो फुर्सत कम नही होती .....!!!
बहुत कुछ
तुझसे पहले भी
मयस्सर था
मयस्सर है ...
ना जाने
फिर भी
क्यों....??
तेरी
"जरुरत कम नही होती...!!!"
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