Wednesday, April 13, 2011

तुम्हे क्या खबर है ....

रातों को उठकर
ख्यालों से होकर
यादों में रोकर
तुम्हे क्या खबर है ....

हम अपने खुदा से
क्या मांगते है...?



वीरानो में जाकर
दामन फैला कर
आंसू बहाकर 
तुम्हे क्या खबर है ....? 


हम अपने खुदा से
क्या मांगते है...?


तुम तो कहोगे
सनम मांगते है
जनम मांगते हैं .......

तुम तो कहोगे
किसी दिलरुबा की
किसी दिलनशीं की
वफ़ा मांगते हैं .....

ये भी गलत है
वो भी गलत था....!!!


हम अपने खुदा से
दोस्तों के जीने की
दुआ मांगते हैं........!!!!

 

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