तन्हा
तन्हा सी रात
और
तन्हा तन्हा से हम....
अफसुर्दा
अफसुर्दा यादे
भीगे
भीगे से मौसम.....!!!
सूखे
पत्तों का शोर...
अँधेरे की
सरगोशी....
धड़कन की आहट
किस्मत से
अपने शिकवे ......!!!
तेरे
अहसास का
अटूट बंधन .......!!!!
तेरी
चाहत के पल
तेरे
आने की उम्मीदें ......!!!
तेरे
रास्ते पे नजर
लम्हा लम्हा
रात का ढलना...!!!
पल पल
अपनी ..
आस का टूटना
दिल के
जख्मो का गहरा होना....!!!
और फिर
"तन्हा तन्हा सी रात
तन्हा तन्हा से हम..."
in tanhayio me kahi kho na jaye
ReplyDeletedarte hai kahi tujhe yuhi hi kho na jaye
gajab likha hai anand ji love it