रफाक्तों की हसीं रूत में
मोहब्बत के
गुलाब सारे
वफ़ा की डोरी से
बांधे रखना ...!!
कि रास्तों में
बिखर न जाएँ....
इस रास्ते के
दो मुसाफिर....
खयाल रखना...
बिछड़ न जाएँ.....
ये झिलमिलाते
चाँद सितारे
ये मुस्कुराते
हुए फूल सारे .....!!!
इन्द्रधनुष से रंग
ये फितरत....
शफ्फाक की लाली
सुबह का आँचल
गुलाबी मौसम
ये उतरता बादल....!!!
गवाह हैं
मेरी मोहब्बत के
फकत इतना ही है
तुमसे कहना .....
"मुझे वफ़ा की
सजा न देना
याद रखना
हमेशा मुझको
कभी भी मुझको
भुला न देना.....!!! "
Very nice Anand ji..... bas itna hi kehna hai...
ReplyDeletegod bless u...