Tuesday, July 5, 2011

तुम बिन...!!!

कुछ कमी सी है 
तुम बिन...
न रंग न ,
रौशनी है 
तुम बिन.......
वक्त अपनी रफ़्तार
से चल रहा है....
बस धड़कन
थमी सी है...
तुम बिन......

न बारिश है....
न धुंआ.....
फिर भी दिल में 
तपिश सी है 
तुम बिन......

बहुत रोका है...
बादलों को बरसने से
फिर भी 
आँखों में 
नमी सी है
तुम बिन......
कितने लोग हैं,
मेरे मिलने वाले...
मेरे चाहने  वाले
मेरे संग हँसने वाले....
मेरे दुःख में रोने वाले....

फिर भी जाने क्यूँ....
ख्वाहिश है की
कोई 

तुम सा हो.... 

हर पल ये आस बनी है...
                               ..........."तुम बिन


4 comments:

  1. waah kya kamal ki feelings hain is poem me....sab kuch hai par tum nahi to kuch bhi nahi hai...very nice anand...

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  2. शब्द संयोजन और तस्वीर बहुत अच्छे लगे.

    विशेष
    "न बारिश है .....
    नमी सी है तुम बिन"

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  3. बहुत बहुत शुक्रिया.....निहारिका...............शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया....!!!

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  4. अच्‍छा लगा आपके ब्‍लॉग पर आकर....आपकी रचनाएं पढकर और आपकी भवनाओं से जुडकर....

    फुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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